Swami Vivekananda lessons: स्वामी विवेकानंद 19 वीं सदी के महान विचारक आध्यात्मिक और दार्शनिक व्यक्ति थे जो रामकृष्ण के शिष्य थे स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं आज भी हर व्यक्ति के लिए उतनी ही प्रासंगिक है जितनी पहले थी। मेहनत और कामयाबी की राह में चलने वाले लोगों के लिए स्वामी विवेकानंद का कहना था की जो व्यक्ति निडर है केवल वही अपने सपने पूरे कर सकता है क्योंकि सपनों के बीच में बाधाएं आती है और जो डर का सामना नहीं कर पाते वह लोग जल्द ही अपने सपने को त्याग देते हैं इसलिए व्यक्ति को निडर होना बेहद जरूरी होता है।
स्वामी विवेकानंद का जन्म और मृत्यु(Swami Vivekananda lessons)
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 में कोलकाता में हुआ था प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती पर राष्ट्रीय युवा दिवस भी मनाया जाता है और उनकी मृत्यु 4 जुलाई 1902 में हुई थी। छोटी सी उम्र में महान और धनी व्यक्तित्व के कारण देश विदेश में उनका बड़ा नाम हुआ उनका जीवनकाल बहुत छोटा रहा लेकिन संपूर्ण जीवन में उन्होंने जीवन से संबंधित वह पाठ दुनिया को पढ़ाया जो आज हमारे लिए आज जानना बेहद जरूरी है।
स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण के शिष्य थे जो उनको अध्यात्मिकता का पाठ पढ़ाते थे 25 साल की उम्र में ही विवेकानंद भारत भ्रमण के लिए निकल पड़े थे। स्वामी विवेकानंद इतने प्रभावशाली थे कि उनको पश्चिमी दुनिया को हिंदू धर्म के बारे में बताने का श्रेय जाता है उन्होंने 1893 में शिकागो में धर्म संसद में हिंदू धर्म के बारे में अवगत कराया जो देश के लिए गौरवान्वित पल था।
स्वामी विवेकानंद 5 शिक्षाएं (swami vivekananda lessons)
स्वयं पर विश्वास रखो
स्वामी विवेकानंद का मानना न था कि जब तक व्यक्ति खुद पर विश्वास नहीं कर लेता तब तक वह अपने जीवन में सफल नहीं हो सकता यदि व्यक्ति चाहता है उसको मन मुताबिक चीज मिले तो उसको खुद पर विश्वास करना बेहद जरूरी है क्योंकि हर व्यक्ति में अनंत क्षमताएं होती है उसे साकार करने के लिए केवल आत्मविश्वास का होना ही जरूरी होता है और आत्मविश्वास शक्ति पैदा करता है इसलिए व्यक्ति को स्वयं पर विश्वास करना चाहिए।
सेवा भाव रखना
स्वामी विवेकानंद का मानना था कि दूसरों की सेवा करना ही हर व्यक्ति का परम कर्तव्य होता है और जो व्यक्ति निस्वार्थ भाव से दूसरों की सेवा करता है, भलाई करता है उसकी मदद हमेशा भगवान करता है। समाज की बुराइयों को दूर करने के लिए सेवा भाव व्यक्ति के लिए बेहद जरूरी है तभी व्यक्ति एक दूसरे की मदद से आगे बढ़ सकता है।
ध्यान लगाना
स्वामी विवेकानंद का मानना था कि मानसिक संतुष्टता व्यक्ति को केवल और केवल ध्यान में मिल सकती है। ध्यान मन को शांत करता है, तनाव को काम करता है और काम में मन लगाए रखता है इसलिए हर व्यक्ति को काम के साथ ध्यान करना बेहद जरूरी है क्योंकि ध्यान ही एक ऐसी शक्ति है जो व्यक्ति को भगवान के करीब लेकर आती है।
सकारात्मक बनें रहे (Swami Vivekananda lessons)
स्वामी विवेकानंद का मानना था कि जीवन में यदि सफलता पानी है तो आपको अपने दृष्टिकोण को बदलना होगा और सकारात्मक दृष्टिकोण आपको आपके सपनों के नजदीक लेकर जाता है आप चुनौतियों से आसानी से लड़ पाए हैं खराब परिस्थितियों से आप घबराते नहीं है और जब बुरी से बुरे समय में भी अगर आप सकारात्मक बने रहते हैं तो आपके काम आसान हो जाते हैं इसीलिए सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना बेहद जरूरी है।
निडर बनें रहे (Swami Vivekananda lessons)
स्वामी विवेकानंद का मानना न था कि सफलता प्राप्त करने की राह में अनेक रुकावटें आती है बहुत बार भय लगता है और भय रुकावट पैदा करता है इसलिए व्यक्ति को उसका डट कर सामना करना चाहिए और निडर होकर कामयाबी की राह में आगे बढ़ना चाहिए।