Ratan tata: रतन टाटा टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के गोद लिए हुए पोते होते हैं और नवल टाटा के दत्तक बेटे हैं। बचपन में ही माता-पिता ने तलाक ले लिया और रतन टाटा को पाला उनकी दादी नवाज़बाई टाटा ने। 28 दिसंबर 1937 को जन्मे रतन टाटा की जिंदगी अनगिनत रहस्यों से भरी पड़ी है लेकिन पूरी दुनिया उनको दानवीर के नाम से जानती है।
86 साल की उम्र में लिए आखिरी सांस (Ratan tata news)
सुप्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा का निधन 9 अक्टूबर 2024 को हो गया है पिछले कुछ दिनों से उनके स्वास्थ खराब की खबरें आ रही थी जिस कारण उनको मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल मैं भर्ती कराया गया था । टाटा समूह ने निधन की पुष्टि कर बताया कि रतन टाटा अब हमारे बीच नहीं रहे जोकि देश के लिए भी क्षति है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निधन पर शोक जताया है।
रतन टाटा का दिल इतना बड़ा है कि उन्होंने आम इंसान को लग्जरी फील कराने के लिए 1 लाख की टाटा नैनो कर लॉन्च कर दी थी ताकि हर व्यक्ति गाड़ी का मजा ले सके और अमीरों के साथ बराबरी कर सके हालांकि वह अपने इस प्रोजेक्ट में बहुत ज्यादा कामयाब नहीं हुए लेकिन उनकी सफलता में और अनगिनत कार्य जुड़े हुए हैं।
जैसे कि रतन टाटा ने टाटा ग्रुप की आमदनी को 21 साल में 40% तक बढ़ा दिया था, उन्होंने भारत के बड़े ब्रांड को ग्लोबल तक पहुंचाने मैं मदद की है साथ ही टाटा स्टील, टाटा मोटर्स जैगुवार, लैंड रोवर कंपनियों को खरीदने के साथ-साथ उनको फेमस करने में अपना प्रमुख योगदान दिया है।
व्यापार जगत में अपना विशेष योगदान देने, उद्योग जगत में चार चांद लगाने और देश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान देने के लिए भारत सरकार ने रतन टाटा को पद्म भूषण (2000)और पद्म विभूषण (2008) दिया गया और भारत रत्न देने की मांग की जा रही है।
रतन टाटा को कुत्तों से है प्यार (Ratan tata)
रतन टाटा को कुत्तों से इतना प्यार है कि आज भी अगर उनके ऑफिस के बाहर कोई आवारा कुत्ता नजर आ जाए तो उसे गार्ड भगाता नहीं है दरअसल यह परंपरा जमशेदजी टाटा के समय से चलती आ रही है जिसमें टाटा समूह के मुख्यालय मुंबई हाउस में आवारा कुत्तों के लिए एक आश्रय स्थल बनाया गया है जहां भोजन, पानी, खिलौने मौजूद है ताकि आवारा कुत्ते आराम से वहां रह सके और गार्ड भी उन कुत्तों का ध्यान रखते हैं।
टाटा समूह है सबसे बड़ा दानवीर (Tata group)
रतन टाटा क्या टाटा समूह की सबसे बड़ी खास बात यह है कि वह अपनी कमाई का 60 से 65% दान दे देते हैं और यह दान वह मंदिरों के लिए, बच्चों की पढ़ाई के लिए, दवाइयां के लिए, जरूरतमंदों के लिए और निर्माण कार्य के लिए देते हैं और अगर टाटा समूह यह दान ना दे तो वह विश्व में सबसे अमीरों की संख्या में नंबर वन पर आ सकते है।
उनका एक वाक्य बहुत प्रसिद्ध है तो सभी को अपने जीवन में लागू करना चाहिए जिससे व्यक्ति कामयाबी के साथ बेहतर जीवन जी सकता हैं रतन टाटा की तरह ही विश्व भर में प्रसिद्ध हो सकता है।
अगर आप तेजी से चलना चाहते हैं तो अकेले चलिए
और अगर दूर तलक चलना चाहते हैं तो सभी को साथ लेकर चलिए।
रतन टाटा ने क्यों नहीं की शादी (Ratan tata marriage)
रतन टाटा ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें चार बार प्यार हो चुका है लेकिन किसी न किसी वजह से उनकी शादी हो ही नहीं पाई और एक प्रसिद्ध किस्सा वह अपनी जिंदगी का बताते हुए कहते हैं कि जब वह लॉस एंजेलिस में पढ़ाई कर रहे थे तो उन्हें एक लड़की से प्यार हो गया था, शादी भी तय हो गई थी लेकिन उसे वक्त भारत में 1962 का भारत चीन युद्ध चल रहा था जिस कारण से लड़की ने भारत आने से मना कर दिया था और युद्ध के कारण उनकी शादी नहीं हो पाई।
और फिर उन्होंने शादी करने का ख्वाब ही छोड़ दिया और अपनी पूरी जिंदगी टाटा ग्रुप को समर्पित कर दी रतन टाटा ऐसे व्यक्ति हैं जिनके पास सब कुछ होने के बाद भी एक सादगी भरा जीवन जीते हैं उन्हें किताबों और जानवरों से बेहद प्यार है और आज भी वह अपना जीवन इन दोनों के बीच बिताते हैं।
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कौन है टाटा कंपनी का उत्तराधिकारी( Ratan tata nominee)
रतन टाटा खुद गोद लिए हुए बच्चे थे और फिर रतन टाटा ने विवाह भी नहीं किया और कोई बच्चा भी गोद नहीं लिया तो बात आती है कि आखिरकार इतनी बड़ी संपत्ति का उत्तराधिकारी कौन होगा। उनकी संपत्ति की उत्तराधिकारी माया टाटा है जो रतन टाटा के सौतेले भाई की बेटी है और माया की मां साइरस मिस्त्री की बहन है जिस कारण उनकी उत्तराधिकारी उनकी भतीजी होगी।