Suicide symptoms: अगर आप डिप्रेशन में है और आत्महत्या करने जैसे विचार आपके आ रहे हैं खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं तो आपको बता दें इस दुनिया में अगर कोई चीज सबसे बुरी है तो वह है खुद की हत्या करना क्योंकि जीना और मरना भगवान के हाथ में होता है और यदि इंसान इस पर जोर जबरदस्ती करें तो उसे भगवान भी माफ नहीं करते। आत्महत्या करने वालों को सजा के नहीं बल्कि सलाह और हमदर्दी की जरूरत होती है।
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि विश्व भर में हर वर्ष लगभग 8 लाख लोग आत्महत्या से मरते हैं और यह दर दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है आज के समय में अधिकतर लोग अवसाद का शिकार हो रहे हैं और व्यक्ति आक्रामक होने के कारण गुस्से और तनाव में कंट्रोल नहीं कर पाता जिस कारण आत्महत्या की सोच में इजाफा हो रहा है और व्यक्ति अपनी जिंदगी को खत्म कर देने जैसी कोशिश करने लगता है। जिसका अधिकतर असर युवा पीढ़ी में बहुत ज्यादा बढ़ रहा है जिसका कारण है प्रेम प्रसंग, माता-पिता के साथ विवाद या डराना धमकाना वैवाहिक जीवन,चिंता ,अनिद्रा और कामकाज में हो रही दिक्कत लेकिन समय रहते अवसाद से ग्रस्त व्यक्ति की मदद की कर दी जाए तो वह आत्महत्या जैसे ख्याल छोड़ सकता है।
सुशांत सिंह राजपूत ने की थी आत्महत्या (suicide symptoms)
पिछले कई सालों में आत्महत्या के मामले काफी बड़े हैं सुशांत सिंह राजपूत, प्रत्युषा बनर्जी, नितिन देसाई, ट्यूनीशा शर्मा जैसे लोगों की जो लोग प्रशंसा करते थे ऐसी खबरें सुनकर वह लोग हैरान हुए हैं कि आखिरकार जिन लोगों की जिंदगी इतनी खूबसूरत नजर आती थी उन लोगों ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया।
यह बात सच है कि जो बाहर से दिखता है वह सच नहीं होता व्यक्ति भीतर से किस बीमारी से जूझ रहा है यह किसी को नहीं पता चलता और जब व्यक्ति इस दुनिया से चला जाता है तभी अनुमान लगाया जा सकता है कि उन लोगों की जिंदगी पैसा दौलत शोहरत होने के बाद भी अंदर से कितनी खोखली थी। सोशल मीडिया के जमाने में जो लोग बहुत हंसते खेलते दिखते हैं उन लोगों पर विश्वास नहीं किया जा सकता कि वह लोग कितने खुश हैं।
मानसिक तनाव से होते हैं ग्रस्त (Suicide symptoms suffer from mental stress)
आप खुद को अकेला मत समझे अगर मदद मांगेंगे तो आपको मदद जरूर मिलेगी एक बार बस मांग कर देखिए अपने परिवार से, अपने दोस्त से या फिर आसपास जो भी मौजूद है उससे। यह सच है कि आत्महत्या अक्सर निराशा के चलते की जाती है जब व्यक्ति अवसाद, विकार ,तनाव ,कठिनाइयां से ग्रसित हो और व्यक्ति को कोई रास्ता नजर ना आ रहा हो वही व्यक्ति जो मानसिक बीमारी से ग्रसित होकर आत्महत्या जैसे ख्याल करता है।
परिवार, दोस्तों से होने लग जाते है अलग ( separation from family, friends)
आत्महत्या करने वाले व्यक्ति में सोचने समझने की क्षमता खत्म हो जाती है और वह खुद को बस खत्म कर देना चाहता है क्योंकि मानसिक रूप से वह थक चुका होता है लेकिन अगर उसे उस निराशावादी समय में कोई व्यक्ति या दोस्त परिवार उसकी मदद कर दे तो ऐसे ख्याल वह व्यक्ति त्याग सकता है। जो व्यक्ति भी मानसिक तनाव से ग्रस्त रहता है वह सबसे पहले कार्य यह करता है कि वह लोगों से कटने लग जाता है और अकेले में समय बिताने लगता है जिस कारण बुरी बुरी भावनाएं उसके जीवन में और बढ़ जाती हैं। कई बार परिवार के लोगों या दोस्तों को खुद को नहीं पता चल पाता है कि उनसे संबंधित व्यक्ति इस मनोविकार से गुजर रहा है जिस कारण उसे व्यक्ति की मदद नहीं हो पाती और व्यक्ति आत्महत्या जैसी कोशिश करता है।
जिंदगी की कठिनाइयों से हो जाता है परेशान ( trouble by thedifficulties of life) pp
बच्चे फैलियर जिंदगी जी रहे हैं कोटा में छात्रों के सुसाइड की खबर तो अपने आए दिन सुनी होगी। यंग लोगों को अपनी जिंदगी से जो अपेक्षाएं हैं वह पूरी नहीं हो रही है नौकरी आदि की तलाश में भी व्यक्ति परेशान होता है बढ़ो की जिंदगी में भी हजारों मुसीबतें चलती हैं ऊपर से शादी विवाह संबंध खराब होने के कारण भी व्यक्ति के मन में बुरे बुरे ख्याल आते हैं जिस कारण व्यक्ति आत्महत्या करने की सोचता है। यदि उसे समय व्यक्ति का कोई साथ दे तो वह व्यक्ति आत्महत्या करने से बचाया जा सकता है इसलिए यदि आपके भी आसपास कोई व्यक्ति ऐसा हो जो मुसीबत से गुजर रहा है तो उन्हें अकेला मत छोड़े उनके साथ दे। अगर आपको भी बुरे बुरे ख्याल आते हैं तो आप इसके लिए और उसे मदद ले या फिर डॉक्टर से सलाह ले।
गलत संगति में पढ़ना ( touch with bad habits)
बॉलीवुड में जितने भी लोगों ने आत्महत्या की उन सब में एक बात बहुत बड़ी साधारण थी कि वह लोग ड्रग्स के आदि थे यदि व्यक्ति शराब, नशीली दवा (drugs)और गलत कामों में पड़ जाता है तो भी व्यक्ति को आत्महत्या जैसे ख्याल अक्सर आते हैं। गलत आदत व्यक्ति के अंदर खोखलापन पैदा करती है जिससे व्यक्ति को निराशा उदासी जैसी भावनाएं आते हैं और व्यक्ति का अपने जीवन के प्रति नजरिया बदल जाता है और वह खुद को मारने की कोशिश करता है।
आत्महत्या की धमकी देना (threatening suicide)
अक्सर बच्चे या युवा बात-बात पर आत्महत्या (suicide symptoms)करने की धमकी देते हैं लेकिन घर वालों को लगता है कि वह ऐसे ही बोल रहे हैं असल जिंदगी में वह ऐसा नहीं कर सकता दरअसल आत्महत्या के बारे में बात करना ही चेतावनी हो सकती है कि वह व्यक्ति जोखिम में है क्योंकि ऐसे ख्याल आना ही अपने आप में बड़ी चीज है यदि व्यक्ति को बार-बार ऐसे ख्याल आते हैं कि वह आत्महत्या कर लेगा तो यह सच भी हो सकता है इसलिए इन बातों को नजरअंदाज ना करें कोशिश यह करें कि आप ऐसे लोगों की मुश्किलों को समझे उनको समझाएं या फिर डॉक्टर से परामर्श करें। जब भी व्यक्ति को बुरे ख्याल आते हैं वह आत्महत्या करने की सोचता है और ऐसे में जरूरत होती है उनको अपनेपन और प्यार की जब व्यक्ति को एक आशा की किरण नजर आती है और वह आत्महत्या जैसी सोच को त्याग देता है।