Psychologi of Love and attraction.: क्या होता है प्यार और क्या होता है आकर्षण, इन दोनों के बीच एक गहरी लाइन है जो अक्सर लोग यह नहीं समझ पाए कि यह प्यार है या सिर्फ आकर्षण। क्योंकि जब तक दोनों में फर्क समझ में आता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है और वहां से शुरू हो जाते हैं लड़ाई झगड़े क्योंकि प्यार का भूत तब तक खत्म हो चुका होता है और तब मात्र दोनों में दोनों की कमियां ही नजर आती है और एक दूसरे को दोष देना शुरू हो जाते हैं इसलिए समय रहते हैं इसलिए समय रहते यह जरूर जान ले की आपको उस व्यक्ति से प्यार है या सिर्फ आकर्षण।
प्यार क्या है ( what is love)
प्यार ड्रग्स की तरह होता है जो जुनून पैदा करता है क्योंकि जब भी प्यार होता है तो हमारे शरीर में एक केमिकल बहुत तेजी से रिलीज होता है जिसे डोपामिन कहते हैं जब भी डोपामिन रिलीज होता है तो इससे आपको बहुत अच्छा महसूस होता है और यह जरूरी नहीं की प्यार एक बार हो प्यार आपको कई बार हो सकता है।
एक बात तो सच है अगर आपके बीच में प्यार हुआ तो वह लंबा टिकेगा और अगर आकर्षण( attraction )हुआ तो महीने दो महीने 6 महीने में जाकर वह खत्म हो जाएगा। जब कोई आपसे कहे की मुझे तो आपको पहली नजर में देखते ही प्यार हो गया तो थोड़ा थम जाऐं, थोड़ा सोचिएगा कि ऐसा कैसे हो सकता है क्योंकि जब तक हम किसी के बारे में जानते नहीं है कि उसके ख्याल कैसे हैं, उसकी सोच कैसी है वह क्या करता है या क्या करती है तो उससे हमें प्यार नहीं हो सकता और जब भी हमें लव एट फर्स्ट साइट यानी पहली नजर में देखते ही प्यार हो जाता है तो यह मात्र आकर्षण होता है।
यदि कोई व्यक्ति हमें पहली नजर में देखते ही बहुत सुंदर, बहुत आकर्षक लगता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उससे आपको प्यार भी हो 90% मौंको पर हम बाहरी सुंदरता देखकर ही सामने वाले से आकर्षक महसूस करते हैं और इसका सबसे बड़ा कारण है समाज की बनाई हुई मिथ्या जो ज्यादातर सुंदर लोगों को ही ऐसे मौके देती है कि उनसे हर कोई आकर्षक हो जाता है लेकिन जब कुछ महीने बीत जाते हैं तब यह एहसास होता है कि दोनों के बीच में तो प्यार है ही नहीं, तब ऐसा लगता है कि जो शुरुआत में था वह क्या था वह सब झूठ था, नहीं वह झूठ नहीं था वह सिर्फ और सिर्फ आकर्षण था।
जब भी दो लोग मिलते हैं जो शुरुआत के कुछ महीने होते हैं वह होते हैं प्यार के वह महीने जब सब कुछ एक दूसरे का अच्छा ही लगता है क्योंकि तब दो लोगों के बीच में रोमांस होता है नया-नया और कुछ समय बाद जब वह चीज रोमांस से ऊपर उठ जाती हैं तब नजर आती है भीतर की सुंदरता और यदि व्यक्ति में भीतर की सुंदरता नहीं है तो दो लोग एक दूसरे से अलग होने लगते हैं और एक दूसरे की पसंद ना पसंद पर सवाल खड़े हो जाते हैं और तब महसूस होता है कि हमारे बीच में तो प्यार था ही नहीं।
प्यार और आकर्षक में फर्क ( difference between love you attraction)
आकर्षण के लक्षण ( symptoms of attraction)
- आकर्षक पहली नजर में हो जाता है और तब व्यक्ति को सिर्फ वही अच्छा लगता है उसके विचारों से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसके विचार कैसे हैं सिर्फ उसको देखते रहने का मन करता है
- इस तरह के रिश्तो में कुछ महीने बहुत ज्यादा प्यार चलता है और उसके बाद एकदम सब चीज खत्म होने लगते हैं और तब एहसास होता है कि प्यार तो था ही नहीं
- आकर्षण होने पर व्यक्ति वर्तमान में जीने मरने की बात करता है लेकिन उसका कोई फ्यूचर प्लान नहीं होता एक दूसरे के साथ, कई बार बातें तो बड़ी होती है लेकिन अपना सेफ साइड लेकर चलते हैं ताकि कल के दिन अगर टूट भी जाए तो एक दूसरे पर ब्लेम न हो
- जिन व्यक्तियों के बीच में आकर्षण मात्र ही रिश्ता होता है उनको एक दूसरे की भावनाओं से कोई लेना-देना नहीं होता और ना ही एक दूसरे की इज्जत करते हैं।
प्यार के लक्षण ( symptoms of Love)
- Psychologi के अनुसार प्यार अधिकतर समय व्यक्ति को धीरे-धीरे कुछ वक्त लगाकर होता है, पसंद ना पसंद जान कर ही व्यक्ति एक दूसरे से प्रभावित होते हैं
- प्यार कभी भी बाहरी सुंदरता से नहीं होता प्यार हमेशा व्यक्ति की भीतर की सुंदरता से होता है तब व्यक्ति को उसके विचार प्रभावित करते हैं
- वक्त के साथ प्यार हमेशा बढ़ता है और आकर्षक वक्त के साथ खत्म होता है
- प्यार के साथ व्यक्ति एक दूसरे की इज्जत करते हैं एक दूसरे की भावनाओं का ख्याल रखते हैं पसंद ना पसंद का भी ख्याल रखते हैं