Glaucoma: अगर आपकी आंखों में भी हो रहा है ग्लूकोमा तो हो जाएं सावधानGlaucoma problem

Glaucoma: ग्लूकोमा (काला मोतिया) आंखों से संबंधित बीमारी है जो ऑप्टिकल नर्व तांत्रिक को नुकसान पहुंचता है जिससे नजरों में समस्या उत्पन्न होती है और अंधापन होने लगता है। ग्लूकोमा रोग आज के वक्त में बेहद बढ़ चुका है हर कोई किसी न किसी तरह के से नजर की समस्या से ग्रसित हो रहा है जिस कारण लोगों में जागरूकता करने के उद्देश्य से हर साल के पहले महीने जनवरी को ग्लूकोमा अवेयरनेस मंथ  रूप में मनाया जाता है।

आंखों के बिना दुनिया सुनी है अगर आंखें हैं तो हम हर चीज को देख सकते हैं और फिर महसूस कर सकते हैं आंखों से दिखाई देने पर बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है हालांकि दुर्भाग्य वश भारत में अनुमानित 4.95 मिलियन से अधिक लोग अंधेपन का शिकार है जिनमें बच्चे, बूढ़े जवान सभी शामिल है और यह संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है जिसका कारण है हमारी दिनचर्या, मोबाइल फोन का बहुत ज्यादा उपयोग, आहार में गड़बड़ी जो की ग्लूकोमा जैसी बीमारियों को न्योता देता है और अंधेपन का कारण बनता है।

आंखों की समस्या और अंधेपन को ग्लूकोमा (Glaucoma) कहते हैं आंखें हमारे लिए कितनी जरूरी है यह इस बात से पता चलता है की जिसके लिए पूरा जनवरी का महीना अवेयरनेस के रूप में मनाया जाता है, इस बात से कोई दो राय नहीं है कि आंखों के बिना संसार अधूरा है आंखें हैं तो हम देख सकते हैं, पढ़ सकते हैं, इस दुनिया की खूबसूरती को निहार सकते है

ग्लूकोमा( Glaucoma)के लक्षण

  • आंखों में धब्बे दिखाई देना काले काले
  • आंखों पर जोर पड़ना, साफ दिखाई नहीं देना
  • अक्सर सर दर्द, आंखों में दर्द रहना
  • दर्द के साथ उल्टी महसूस होना
  • धुंधलापन नजर आना
  • रोशनी में रंगीन छलले नजर आना है या छोटे-छोटे छिद्र नजर आना
  • आंखों से अपनी बहना और अक्सर आंखों का लाल रहना
  • कई बीमारी जैसे हाइपरथाइरॉयडिज़्म, मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्त दाब, सिकल सेल, एनीमिया, माइग्रेन के कारण भी ग्लूकोमा होता है

स्वास्थ्य विशेषज्ञों को मानना है कि यदि आपको इनमें से कोई भी समस्या होती है तो तुरंत नेत्र चिकित्सा के पास अपना इलाज करायें इससे पहले की आपको आंखों से देखना बिल्कुल बंद हो जाए आप समय रहते इलाज करके अपने आंखों को सही कर सकते हैं और ग्लूकोमा जैसी बीमारी के खतरे को कम कर सकते हैं। अपने दिनचर्या में बदलाव करके भी आप अपनी आंखों की रोशनी बढ़ा सकते हैं। ग्लूकोमा (Glaucoma) वंशानुगत भी होता है यदी माता-पिता, बहन भाई को अगर ग्लूकोमा की शिकायत है तो बहुत हद तक यह होगा कि आपको भी यह समस्या आ सकती है, हालांकि अगर आप समय रहते इसका उपचार करेंगे तो इस समस्या से आप बच सकते हैं।

 कैसे करें ग्लूकोमा से बचाव (Glaucoma)

  • अपनी दिनचर्या बदलें: यदि आपको उपरोक्त में से कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और अपनी दिनचर्या को बदलें सही टाइम पर सोए और उठे और एक स्वस्थ नींद ले जिसे आपकी आंखों को आराम मिलेगा और आंखों पर दबाव कम होगा।
  • आहार में करें परिवर्तन: अपने आहार में हेल्दी चीजों को शामिल करें जैसे गाजर, शकरकंद, मछली, अंडा, डेरी प्रोडक्ट, हरी पत्तेदार सब्जियां, फल खाएं और बाहर के खाने को बिल्कुल बंद कर दे
  • आंखों के लिए व्यायाम करें: यदि आप अपनी आंखों को झपकाएं और अपनी पतली को गोल-गोल घुमाएंगे और आंखों से संबंधित योगा करें तो इससे आपकी आंखों को आराम मिलेगा और इससे संबंधित अन्य व्यायाम करने से भी ग्लूकोमा जैसी समस्याएं कम होती है
  • स्क्रीन टाइमिंग कम करें: आजकल ग्लूकोमा इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि मोबाइल, लैपटॉप पर घंटा बैठे रहने के कारण भी ग्लूकोमा के लक्षण दिखाई देते हैं इसलिए अपनी स्क्रीन टाइमिंग को कम करें सिर्फ जरूरत के वक्त ही उपयोग करें
  • दवाई और लेजर ट्रीटमेंट: आई ड्रॉप, दवाई या फिर सर्जरी के लिए डॉक्टर की सलाह ले
  • कैफ़ीन कम करें: ज्यादा कैफ़ीन युक्त पेय पदार्थ से भी नेत्र संबंधी दबाव बढ़ जाता है इसलिए इससे बचें इसके बदले खूब पानी पिए
  • निरंतर चेकअप कराएं: ग्लूकोमा के कारण आपके चश्मे का नंबर बार-बार बदल सकता है इसलिए निरंतर चेकअप कराना भी जरूरी है

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