Budha gyan: गौतम बुद्ध जिनका बचपन का नाम सिद्धार्थ था अपने कठोर तपस्या और बुद्धि के कारण बुद्ध बने थे। उनका कई हजारों साल पहले से लेकर अब तक उनके सिद्धांतों की मान्यता है उनका जन्म लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व शाक्य कुल में हुआ था।
गौतम बुद्ध का जन्म एक राजकुमार के रूप में हुआ था लेकिन वह अपना राज पाठ छोड़कर जंगल चले गए और वहां उन्होंने कई वर्षों तक सन्यासी जीवन जिया। वर्षों के कठोर तप के बाद गौतम बुद्ध को बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई और फिर यही ज्ञान पूरे संसार में फैला। बुद्ध के 8 ऐसे विचार जो जीवन को परिवर्तित कर सकते हैं और सफल बना सकते हैं।
गौतम बुद्ध के 10 सिद्धांत (Budha gyan)
दूसरों का बुरा मत करो
गौतम बुद्ध कर्म का सिद्धांत देते हुए कहते हैं कि जो व्यक्ति भी दूसरों का बुरा करता है उसको उसके कर्मों की सजा जरूर मिलती है फिर चाहे उसकी सजा किसी भी रूप में मिले वह बीमार पड़ सकता है, उसका परिवार खत्म हो सकता है, उसका काम चलना बंद हो सकता है इसलिए दूसरों का बुरा मत करो।
सत्य की सदैव जीत होती है
गौतम बुद्ध कहते हैं कि तीन चीजे ज्यादा देर तक छिपी नहीं रह सकती वह सूर्य, चंद्रमा और सत्य, सत्य परेशान हो सकता है पर पराजित नहीं देर से सामने आ सकता है लेकिन सत्य की हमेशा जीत होती है इसलिए व्यक्ति को हमेशा सत्य का ही साथ देना चाहिए इसी में उसकी भलाई है।
स्वयं को जीतो (Budha gyan)
संसार में हजारों लड़ाइयां है हजारों लड़ाइयां जीत कर भी व्यक्ति असंतुष्ट ही मरता है इसलिए तुम स्वयं पर विजय प्राप्त करो फिर जीत हमेशा तुम्हारी होगी। तुम खुद के मन को जीतो और अपनी महत्वाकांक्षाओं को कंट्रोल करो तब आप सदा ही प्रसन्न रहेंगे।
पशु हिंसा मत करो
गौतम बुद्ध का सबसे प्रसिद्ध सिद्धांत था अहिंसा परमो धर्म अहिंसा ही परम धर्म है। कई धर्मो में धर्म के नाम पर पशुओं का वध किया जाता है जो कि सरासर गलत है। यज्ञ के नाम पर की गई पशुओं की हिंसा से भगवान कभी प्रसन्न नहीं होते, पशु हिंसा व्यक्ति को सर्वनाश की ओर लेकर जाती है जिस प्रकार व्यक्ति को जीवन जीने का हक है उसी प्रकार पशुओं को भी अपने जीवन जीने का हक है इसलिए यज्ञ और भोजन के नाम पर पशुओं के साथ हिंसा मत करो।
शरीर को स्वस्थ रखो( Budha gyan)
जिस प्रकार मन को खुश किया जाता हैं वैसा ही हमारा शरीर भी है जिसे स्वस्थ रखना बेहद जरूरी है। शरीर स्वस्थ रहेगा तो आत्मा प्रसन्न रहेगी खराब शरीर या कमजोर शरीर बुद्धव को प्राप्त नहीं हो सकता। स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ भोजन ले और व्यायाम करें।
वर्तमान में रहना सीखें
तनाव हमारे मन और शरीर के लिए सबसे घातक बीमारी है और अक्सर हमारा दिमाग या तो बीते कल के बारे में सोचता रहता है या फिर आने वाले भविष्य की चिंता में लगा रहता है जिस कारण उसका तनाव बढ़ता रहता है। जीवन का असली सुख वर्तमान में जीने में है इसलिए कल की चिंता छोड़कर वर्तमान में रहना सीखें।
कम बोले
गौतम बुद्ध मानते थे कि सारे क्लेश और घृणा का जड़ हमारे ज्यादा बोलने से होता है यदि व्यक्ति कम बोले और उतना ही बोल जितनी उसकी जरूरत है तो वह भीतर से शांत रह सकता है और अपने आसपास के माहौल को भी शांत रख सकता है इसलिए कम बोले।
प्रेम पूर्वक व्यवहार करें
इंसान के चरित्र और व्यवहार से ही उसका पता चलता है इसलिए व्यक्ति को दूसरों के साथ प्रेम पूर्वक व्यवहार करना चाहिए। घृणा और खराब व्यवहार के कारण व्यक्ति का मन भीतर से विचलित रहता है और कहते हैं जो भी आप देते हैं आपको वही मिलता है इसलिए प्रेम बाटें तो आपको बदले में प्रेम ही मिलेगा।
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Budha gyan:गौतम बुद्ध ने सत्य को प्राप्त किया था वह कठिन तपस्या से सिद्धार्थ से बुद्ध बने और फिर संसार में उन्होंने सत्य को फैलाया तब जन्म हुआ बौद्ध धर्म का जो जीवन की कठिन से कठिन, विपरीत से विपरीत समस्या को भी खत्म कर सकता है जिस व्यक्ति का मन शांत रहता है और वह तरक्की करता है।