Premanand maharaj: प्रेमानंद महाराज जी आध्यात्मिक गुरु है जो की राधा नाम से जुड़े हुए हैं और वृंदावन में रहते हैं। प्रेमानंद महाराज जी की बातें आजकल की पीढ़ी को बहुत प्रभावित करती हैं वह मोह माया से दूर एक साधारण जीवन व्यतीत हैं वहीं अन्य गुरु लग्जरी लाइफ जीते हैं जिस कारण से भी लोग प्रभावित होकर उनसे अपने प्रश्नों का उत्तर लेने वृंदावन पहुंचते हैं।
प्रेमानंद महाराज जी इतने सरल और सटीक जवाब देते हैं जिससे व्यक्ति की दुविधाएं को आसानी से दूर किया जा सकता है और वह अपने प्रवचनों से बड़ी से बड़ी कठिनाइयों से लड़ने की हिम्मत देते हैं। हर रोज कई सैकड़ो लोग उनसे मिलने वृंदावन पहुंचते हैं। प्रेमानंद महाराज जी का मानना है कि नाम जब से व्यक्ति की अधिकांश कठिनाइयां दूर हो जाती हैं और व्यक्ति मोक्ष प्राप्त कर सकता है।
क्या मोक्ष प्राप्ति possible है ( Premanand maharaj)
प्रेमानंद महाराज जी के प्रवचन में एक महिला इस प्रश्न के साथ पहुंची कि क्या मोक्ष प्राप्ति पॉसिबल है जिस पर महाराज जी साधारण सा जवाब देते हुए समझाया, जिसको कोई भी आसानी से समझ सकता है उन्होंने बताया कि यदि आपका जीवन है, तो मृत्यु भी है और अगर जीवन मृत्यु दोनों है तो इससे बचने के उपाय भी है फिर वह आगे बोलते हैं कि भगवान का कह रहे हैं।
भगवत गीता का श्लोक
सर्वधर्मानपरित्यज्य मामेंकं शरणं वज्र ।
अहं त्वा सर्वपापेभयो मोक्षयिष्यामि मां शुचं ।।
अर्थात श्री कृष्ण कहते हैं कि सब धर्म का परित्याग करके तुम एक मेरी ही शरण में आओ, मैं तुम्हें समस्त पापों से मुक्त कर दूंगा तुम चिंता मत करो।
प्रेमानंद महाराज जी आगे बोलते हैं कि भगवान का भजन करके चित्त को भगवान में लगा के व्यक्ति मुक्त हो सकता है मोक्ष प्राप्ति कर सकता है , आगे महाराज जी कहते हैं कि यह वृति शरीर के भोगों में फंसी हुई है यह मेरा पति, यह मेरा परिवार ,यह मेरे बच्चे। आगे एक सुंदर सा गीत कहकर उन्होंने अपनी बात रखी और बताया यदि सब की ममता की ऊर्जा को हमने अपने मोक्ष प्राप्ति में लगाया तो मोक्ष प्राप्त करना पॉसिबल है।
उनका मानना है कि बंधन ना तुम्हें कभी हुआ है ना होगा, हमारा मन बंधन को स्वीकार करता है क्योंकि आत्मा कभी बंधन से नहीं बंधी होती। अभी इसी वक्त आप मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि वह पहले से ही मौजूद है और मुक्त है, लेकिन व्यक्ति अपने आप को स्त्री पुरुष मानकर बंधनों में बंधा रहता है इसीलिए मोक्ष से दूर रहता है
सारे रिश्ते नातों को साइड रख दिया जाए तो मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है। राधा राधा नाम जब से व्यक्ति को मोक्ष प्राप्ति में मदद मिलती है। प्रेमानंद महाराज जी आगे मोक्ष प्राप्ति बारे में समझाते हुए यह कहते हैं कि यदि आप अपने पति में भगवान को देखेंगे अपने घर परिवार के लोगों में परिवार भगवान को देखेंगे और भजन करेंगे तो आप मुक्त हो जाएंगे और मोक्ष प्राप्ति कर पाएंगे।
प्रेमानंद महाराज जी का सुंदर जवाब (premanand maharaj)
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प्रेमानंद महाराज (premanand maharaj) जी का कहना है आपकी चित्त वृति भगवान में लगे तो आप मुक्त है और यदि चित् संसार में होगा तो बंधन है। संसार की चिंता ही एकमात्र बंधन है मन का भागवत हो जाना मुक्त पुरुष की पहचान है। भगवान का भाव रखकर घर परिवार की सेवा करना ही मुक्ति है और आनंद भाव से जीवन व्यतीत करना और नाम जप करने से व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त हो सकता है।
आगे वह समझते हुए कहते हैं यदि पति से लड़ाई हो किसी से मनमुटाव यदि रखते हो तो भजन कीर्तन करके भी कुछ नहीं मिलता फिर कोई फायदा नहीं है इसलिए पहले मन को शुद्ध करना जरूरी है, आगे तर्क देते हुए कहते है कि शंकर जी को जल चढ़ाओ लेकिन खुद का पति या परिवार भूखा है तो इससे कुछ नहीं मिलेगा, इसलिए भक्ति से पहले परिवार की सेवा करे तभी मोक्ष प्राप्ति संभव है।
जैसे जैसे संसार में कष्ट बढ़ते जा रहे है वैसे वैसे व्यक्ति अध्यात्म की ओर बढ़ते जा रहा है क्योंकि अध्यात्म में ही उसकी पीड़ा का समाधान है और कष्टों से मुक्ति है। अत्यंत दुःख पीड़ा के कारण समाज में तनाव बढ़ता जा रहा है जिससे इंसान की मोक्ष की चाह भी बढ़ती जा रही यदि व्यक्ति वजन करे राधा नाम जप करें तो उसको पीड़ा से मुक्ति मिल सकती है और वह मोक्ष प्राप्त कर सकता है।