Premanand ji maharaj से कैसे ,कब, और कहां मिले , जाने कैसे लें महाराज जी से दीक्षा

Premanand ji maharaj प्रेमानंद जी महाराज आज युवा पीढ़ी के दिल की धड़कन बन चुके हैं लोग उनके बताए रास्तों पर चल रहे हैं, उनके वचन बच्चों से लेकर बूढ़े तक के दिलों में गहरी छाप छोड़ रहे हैं और समाज सुधार में अपना विशेष योगदान दे रहे हैं। उनसे मिलने के लिए हर दिन हजारों लोग आधी रात को वृंदावन की सड़कों पर उनका इंतजार करते हैं जिन्हें आप राधा के लिए कुंज आश्रम में मिल सकते हैं।

प्रेमानंद जी महाराज से मिलने के लिए सबसे पहले आपको वृंदावन पहुंचना होगा। हर दिन वह रात 2:00 बजे से लेकर 3:00 बजे तक अपनी कुटिया से राधा केली कुंज आश्रम पैदल जाते हैं। उनसे मिलने के लिए रात में दो स्थानों पर लोग खड़े रहते हैं एक है प्रेम मंदिर, दूसरा है केली कुंज आश्रम जहां सड़क पर ही आप उनके दर्शन कर सकते हैं।

राधा केली कुंज आश्रम में प्रतिदिन महाराज जी सत्संग कीर्तन और एकांतिक वार्तालाप के माध्यम से आम जनता से मिलते हैं जहां श्री राधा नाम का जप होता है, जिसके लिए एक दिन पहले टोकन लेना आवश्यक होता है टोकन लेने का समय निर्धारित है जिसकी जानकारी यह है।

Premanand ji maharaj से मिलने के लिए टोकन का समय

प्रेमानंद जी महाराज द्वारा सत्संग और कीर्तन का टोकन (premanand Ji Maharaj)

श्री राधा केली कुंज आश्रम में प्रेमानंद महाराज जी के दर्शन के लिए यदि कोई सत्संग या कीर्तन में शामिल होना चाहता है तो उसको प्रातः 3:00 बजे से टोकन मिलने प्राप्त होते हैं जो कि उनके केली कुंज आश्रम में ही मिलते हैं याद रहे स्थान कम होने के कारण टोकन कम मात्रा में दिए जाते हैं जो कि 70 से 80 के आसपास होते हैं यदि आप पहले जाकर लाइन में खड़े होते हैं तभी आपका नंबर आता है।

प्रेमानंद जी महाराज के आश्रम में सत्संग और कीर्तन का समय

Premanand ji maharaj
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राधा केली कुंज आश्रम में रोजाना पूज्य महाराज जी द्वारा सत्संग कराया जाता है जिसमें वह खुद शामिल होते हैं जिसका समय प्रातः 4:15 से 5:45 तक और कीर्तन का समय प्रातः 9:00 बजे से लेकर 9:30 बजे तक रहता है।

प्रेमानंद जी महाराज से कैसे मिले

प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन के केली कुंज आश्रम में मिलते हैं यदि आप उनसे कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं तो उसके लिए आपको एक दिन पहले एकांतिक वार्तालाप का टोकन लेना होगा। एकांतिक वार्तालाप का टोकन प्रातः 9:00 बजे से मिलता है एकांतिक वार्तालाप का समय प्रातः 7:00 से लेकर 8:00 बजे तक रहता है जिसके लिए आपको टोकन लेने के अगले दिन आना होता है।

प्रेमानंद जी महाराज से दीक्षा कैसे लें

यदि आप भी चाहते हैं कि आप प्रेमानंद जी महाराज से दीक्षा ले उनको अपना गुरु बनाएं तो उसके लिए आपको उनके द्वारा बनाए गए नियम के अनुसार दिनचर्या का पालन करना होता है। दीक्षा कोई भी ले सकता है लेकिन उसके लिए जरूरी है भाव और नियम यदि आप उनके बनाए नियम के अनुसार चलते हैं तो आप घर बैठे भी कामकाज के साथ दीक्षा ले सकते हैं जिसके लिए टोकन प्रातः 8:00 बजे मिलता है।

महाराज जी के आसपास आपने देखा होगा कई युवा उन्हीं की तरह वस्त्र और माला धारण किए रहते हैं जो की उनकी सेवा में लगे रहते हैं जो कि उनके शिष्य है। कठोर नियम और तप से उनको महाराज जी के सम्मुख रहने का मौका मिलता है जो प्रेमानंद जी महाराज से दीक्षा ले चुके हैं।

प्रेमानंद जी महाराज द्वारा दीक्षा के नियम

Premanand Ji Maharaj

  • 11 माला नाम जब राधा वल्लभ श्री हरिवंश
  • वाणी पाठ -श्री हित चतुरासी जी (बिना अर्थ के) 12 पद
  • श्री राधा सुधानिधि जी (अर्थ सहित)  10 श्लोक
  • श्री सेवक वाणी ( अर्थ सहित )प्रकरण के पांच छंद
  • अष्टयाम सेवा पद्धति सेवा अनुसार
  • नित्य पाठ रासो उपासना
  • नाम जब नेम किया तुलसी की माला के साथ
  • झोली धारण करें बिना रंग और छवि की
  • गले में तुलसी की डबल राउंड कंठी माला पहने
  • माथे पर रज लगायें
  • अपने स्थान पर ईस्ट ,गुरु और आचार्य की प्रतिमा स्थापित करें।

प्रेमानंद जी महाराज के यह नियम यदि आप अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करते हैं तो आप अपने घर स्थान में रहकर ही उनसे दीक्षा प्राप्त कर सकते हैं और यदि आप राधा नाम का जाप करते हैं तो भी आपको उतने ही लाभ मिलेंगे।

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यदि आप premanand Ji Maharaj और उनके Radha Keli Kunj ashram के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो उनकी वेबसाइट के माध्यम से जान सकते हैं जो की radhakelikunj.com है जिसमें आपको अधिक जानकारी प्राप्त हो सकती है, साथ ही उनके यूट्यूब चैनल bhakti marg के माध्यम से वह अपने वचन देते हैं जिन्हें आप सुन सकते हैं।

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