Phone addiction: फोन एडिक्शन से व्यक्ति अवसाद, चिंता ,क्रोध ,अकेलेपन का शिकार हो जाता है फोन की आदत समय रहते नहीं सुधारी तो जान से हाथ गंवानी पड़ सकती है और परिवार से भी हो जाएंगे दूर नई तकनीक आने से जिंदगी जितनी आसान हुई है उतना है मुसीबत भी बन गई है लेकिन बड़े तो बड़े बच्चे भी फोन के पीछे भागते हैं आदत इतनी खराब हो गई है कि बच्चों और बड़ों को खाते पीते, नहाते, धोते हर जगह फोन चाहिए।
जैसे-जैसे मोबाइल और इंटरनेट का उपयोग और उपलब्धता बढ़ रही है वैसे-वैसे लोग उतना ही हॉस्पिटलों के चक्कर भी काट रहे हैं। फोन का उपयोग अब फायदेमंद नहीं बल्कि समस्या बन गया है क्योंकि बच्चे से लेकर बड़े तक को फोन की लत लग चुकी है।
इंटरनेट का दुरुपयोग
आज लोग इंटरनेट पर काम की चीज कम और व्यर्थ की चीजे ज्यादा देखते हैं, गेम खेलते हैं या फिर इंस्टाग्राम, युटुब चलाते रहते हैं और रील को स्क्रोल करते रहते हैं घंटों घंटों। अगर जेब में पैसा ना हो तो भी इंसान अपनी जिंदगी काट लेता है लेकिन अगर फोन ना हो तो 1 दिन भी चल पाए यह मुश्किल है यही कारण है कि फोन की एडिक्शन के कारण लोग चिड़चिड़े रहने लगे हैं, तनाव में रहने लगे हैं और मायाबी दुनिया से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। चकाचौंध वाली दुनिया को देखकर व्यक्ति असल जिंदगी के मायने खो रहा है। और यह आगे आने वाले समय में बेहद ही खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि फोन एडिक्शन से बहुत सारे नुकसान है।
फोन एडिक्शन के कारण क्या-क्या होता है
- नींद कम हो जाती है जिससे बीमारियां होने लगती है।
- फोकस में कमी हो जाती है जिस कारण काम पर ध्यान नहीं लगता।
- सोचने समझने की क्षमता कम हो जाती है।
- निरंतर व्यर्थ की चिंता सताती है।
- स्मरण में कमी हो जाती है और यह स्टूडेंट के लिए तो बेहद ही खतरनाक है।
- फोन से आप अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं।
- क्रोध और रोष उत्पन्न होता है।
- तनाव के कारण जिंदगी व्यर्थ लगती है।
- मानसिक बीमारी घर कर जाती है।
- अगर आप भी चाहते हैं कि समय रहते आप स्मार्टफोन की लत से छुटकारा पा ले तो आप कुछ उपाय कर सकते हैं जो आपको फोन की लत को कम करने में मदद करेगा और इससे बच्चों को भी फोन की बीमारी से आप दूर कर सकते हैं।
Phone addiction से ऐसे छुटकारा पाएं
- व्यर्थ में ही फोन ना चलाएं केवल खाली बैठे रहे तो भी आप जिंदगी में खुश रह सकते हैं।
- स्मार्टफोन की सेटिंग में जाकर सारे नोटिफिकेशन बंद कर दें।
- अपना टाइम फिक्स कर ले की जरूरत की चीज आप इस समय पर देखेंगे।
- उठने के तुरंत बाद और सोने से पहले पक्का मन बना ले की फोन नहीं उठाएंगे।
- बार-बार फोन उठा कर ना देखें कि किसका मैसेज आया है क्या अपडेट है।
- बच्चों को फोन ना दे इससे उनके मानसिक विकास पर असर पड़ता है।
- इसके बदले आप बच्चों को आउटडोर या इंडोर गेम्स खेलने के लिए भेज सकते हैं। जो उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को मदद करेगा।
- अगर आप जिम या वॉक पर जाते हैं तो फोन लेकर न जाए या फिर उसको दूर स्विच ऑफ करके रख दें।
मोबाइल फोन की लत बहुत हद तक आपके निजी जीवन में भी दखलअंदाजी करती है कई बार आप ऑफिस कॉलेज या किसी इवेंट में उपस्थित होकर भी अपने फोन में लगे रहते हैं जिसका असर आपके काम पर तो पड़ता ही है वही घर आकर भी आप अगर फोन में ही लगे हैं तो आपकी निजी जीवन को भी यह खराब करता है ऐसे में आप अपने परिवार को समय नहीं देते जिस रिश्तो में गैप आता है।
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फोन चलाने के बजाय आप अपने परिवार के साथ समय बिताए, उनके साथ खेले, उनसे बातें करें, उनके साथ घूमने जाएं तो इससे आपकी जिंदगी बेहतर हो सकती है।