Coching institute reality

Coaching institute reality: कुछ दिनों पहले दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन विद्यार्थियों की मौत के बाद अब करोल बाग, ओल्ड राजेंद्र नगर और मुखर्जी नगर के कोचिंग इंस्टिट्यूट और मकान मालिकों की सच्चाई सामने आई है जो आई ए एस का सपना पूरा करने आए बच्चों से मनमाना पैसा वसूलते हैं और मकान मालिक एक छोटे से कमरे का भी दुगना पैसा लेता है उसके बाद भी वहां रह रहे छात्र छात्राओं को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

सिविल सेवा परीक्षा का सपना लेकर दूर दराज से छात्र छात्राये यहां आ कर रहते है, लाखों की कोचिंग की फीस, महंगा रहना महंगा और गंदा खाना खाना पड़ता है उसके बाद भी दिन रात एक करके पढ़ने वाले बच्चों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कोचिंग माफियाओं की मुंह मांगी कीमत देने के बाद भी कई सारे बचे अपना सपना पूरा नहीं कर पाते कर पाते और यूंही खाली हाथ घर लौट जाते है।

अब प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं ने कोचिंग इंस्टिट्यूट और मकान मालिक का भांडा फोड़ दिया है और विकास दिव्यकीर्ति और अवध ओझा की सच्चाई पब्लिक के सामने लादी है कि कैसे बड़ी बड़ी बातें करके ये टीचर सपनों को बेचते है और बच्चों का फायदा उठाते है।

विकास दिव्यकीर्ति और अवध ओझा सर से गुस्सा है छात्र-छात्राएं (coaching institute reality)

सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी को लेकर अक्सर सोशल मीडिया पर दो शिक्षक बेहद प्रसिद्ध माने जाते हैं जिनकी बातों से प्रभावित होकर बच्चे दूर-दराज से दिल्ली आ कर रहने लगते हैं ,एक तो दृष्टि आईएएस के विकास दिव्यकीर्ति और दूसरे अवध ओझा सर जिन्होंने अपनी बातों से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करना चाह रहे लोगों को प्रभावित किया है लेकिन अब प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं ने उन्ही दोनों टीचरों पर अपना आक्रोश जताते हुए कहा है कि उनको ओल्ड राजेंद्र नगर में प्रोटेस्ट कर रहे छात्र-छात्राओं का साथ देना चाहिए जो कि वह नहीं दे रहे हैं।

Coaching institute reality
Coaching institute reality (drishti ias )

इन टीचर्स के लिए प्रदर्शनकारी छात्रों ने यह भी कहा कि यह सिर्फ फिलासफी जाने का काम करते हैं जिससे बच्चे गुमराह कर दिल्ली तो आ जाते हैं लेकिन कई सालों की तैयारी के बाद भी उनको कुछ भी हासिल नहीं होता। दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर, करोल बाग और मुखर्जी नगर में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थी रहते हैं जो वहां मौजूद कोचिंग इंस्टिट्यूट से पढ़ाई करते हैं और आसपास कमरा और पीजी लेकर रहते हैं।

फिलहाल अभी ओल्ड राजेंद्र नगर में स्टूडेंट का प्रोटेस्ट चल रहा हैं जिसमें कई स्टूडेंट ने बताया है कि उनसे कैसे वहां के इंस्टिट्यूट वाले और मकान मालिक मनमाना पैसा वसूल रहे हैं और बदले में उनको गुफा जितना कमरा दे दिया जाता है। इस एरिया में बारिश होने पर सड़कों पर पानी भर जाता है जिससे आना-जाना भी मुश्किल हो जाता है इन्हीं सब बातों को लेकर छात्र-छात्राओं में आक्रोश का माहौल है।

Coching institute reality (old rajendra nagar protest)
Coaching institute reality (old rajendra nagar protest)

प्रशासन ने राव आईएएस इंस्टिट्यूट के बेसमेंट मैं चल रही लाइब्रेरी को तो सील कर ही दिया है और वही अन्य जगह मुखर्जी नगर, ओल्ड राजेंद्र नगर और करोल बाग में भी फिलहाल प्रशासन बेसमेंट में चल रही क्लासेस और लाइब्रेरी को सील कर रही है जिससे यह बात सामने आई है कि नॉर्म्स को ताक पर रखकर यह इंस्टिट्यूट बेसमेंट में लाइब्रेरी और क्लास चला रहे थे।

प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं ने बताया कि इनकी मुखर्जी नगर, ओल्ड राजेंद्र नगर और करोल बाग में इंस्टिट्यूट का, टीचरों का और मकान मालिकों का काम सिर्फ स्टूडेंट से चलता है उसके बाद भी उनकी कोई सुनी नहीं जाती है। कोचिंग इंस्टिट्यूट में लाखों की फीस देने के बाद यहां एक कमरे का किराया 20 से 25000 रुपए है जो की बहुत महंगा है। खाने पीने की भी यहां कुछ खास व्यवस्था नहीं है पीजी में भी कई लोग एक साथ रहते हैं जिस कारण कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

रिजल्ट आता है बहुत कम (coaching institute reality)

यहां तक की उन्होंने टीचरों पर इल्जाम लगाते हुए कहा है कि ऐसे टीचर जो सोशल मीडिया पर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, वह एक मीठा जहर बच्चों को दे रहे हैं जिससे आकर्षित होकर बच्चे दूर दराज से अपना घर छोड़कर दिल्ली आकर रहने लगते हैं और बदले में उनको मिलता है कई बार फैलियर, मेंटल स्ट्रेस, एंजायटी और परिवार की उम्मीद पर पानी फिर जाता है जिससे कई साल बच्चों के बर्बाद हो जाते हैं और अगले कई साल उसे तनाव से उभरने में लग जाते है जिसकी कोई बात नहीं करता इसके बाद भी कोई भी टीचर या इंस्टिट्यूट अपने फैलियर की जिम्मेदारी नहीं लेता।

बता दे कि बच्चे सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने उम्मीद से दिल्ली आते हैं और अपनी जवानी के कई साल बर्बाद कर देते हैं। कई बच्चे परिवार से दूर वहां 4 साल से रह रहे है तो कईयों को तो 10-10 साल हो चुके हैं जो आज भी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और मुसीबत का सामना कर रहे है।

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Coaching institute reality: ऐसे में जरूरी है कि इन बच्चों की भी सुनी जाए और इंस्टिट्यूट और मकान मालिक के लिए एक रूल बनाया जाए कि वह इससे ऊपर किराया या फीस नहीं वसूल सकते जिससे कि बच्चों के लिए भी आसानी हो और उनके परिवारों को भी दिक्कत होगा सामना ना करना पड़े।

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